Last modified on 3 अक्टूबर 2015, at 23:27

मौसम की चिड़िया / आसिम पीरज़ादा

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:27, 3 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आसिम पीरज़ादा |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मौसम की चिड़िया लाई है
लो खुशियों के फूल,
छूट गया डर होमवर्क का
बंद हुए स्कूल।

रोज का मैडम का चिल्लाना
बंद हुआ कुछ रोज,
झंझट छूटा बतलाने का
किसने की क्या खोज।

मौज करें और कूदें-फाँ
सब कुछ जाएँ भूल।

मोटी-मोटी बड़ी किताबें
बस्ते लादे जाना,
किसका पढ़ना और समझना
वक्त गँवाकर आना।

अच्छा हो हम खेलें-कूदें
और उड़ाएँ धूल।
दिल करता है खूब उड़ाएँ
गलियों में गुलछर्रे,
नाचें-गाएँ धूम मचाएँ
हिप-हिन, हिप-हिप हुर्रे!

पेंग बढ़ाएँ, नभ छू आएँ
ऐसी डालें झूल!