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कलकत्ते की गाड़ी / चंद्रपाल सिंह यादव 'मयंक'
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कलकत्ते से गाड़ी आई,
टाफी-बिस्कुट, केले लाई,
गाड़ी बोली ई-ई-ई
आहा, उसने सीटी दी।