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सालगिरह / रसूल हम्ज़ातव
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शहर का जशने-सालगिरह है, शराब ला
मनसब ख़िताब रुतबा उनहें क्या नहीं मिला
बस नुकस है तो इतना कि ममदूह<ref>जिसकी तारीफ़ की गई हो</ref> ने कोई
मिसरा कोई किताब के शायां<ref>योग्य</ref> नहीं लिखा
शब्दार्थ
<references/>