भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सालगिरह / रसूल हम्ज़ातव

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:43, 5 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव |अनुवादक=फ़ैज़ अहम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शहर का जशने-सालगिरह है, शराब ला
मनसब ख़िताब रुतबा उनहें क्या नहीं मिला
बस नुकस है तो इतना कि ममदूह<ref>जिसकी तारीफ़ की गई हो</ref> ने कोई
मिसरा कोई किताब के शायां<ref>योग्य</ref> नहीं लिखा

शब्दार्थ
<references/>