भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दिनकर राव टोपी संभालो !! / राग तेलंग
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:31, 19 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>दिनकर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
दिनकर राव !
तेज हवा बुझा देगी
तुम्हारे महल के कंगूरों की
नकली रोशनियां
याद रहे
हवा किसी की नहीं
हवा तेज चलेगी
तो अपने साथ
कई जीवन की
संभावनाओं को भी लिए जाएगी और निश्चत ही कहीं पनपा देगी
तेज हवा में ही
सुरक्षित किनारे लग जाएंगे
अंडे देने को बेताब
घोंघे और कछुए
हवा तेज होगी तो
इन थकी सांसों में
राहत आ ठहरेगी
और जुटेगी
उतनी ज्यादा हिम्मत
यह कहने के लिए कि-
हवा तेज चलता है दिनकर राव !
टोपी संभालो
उड़ जाएगा !!
- श्री अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म अग्निपथ के एक डायलाग को याद करते हुए