भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

व्यवहार नहीं करते / कमलेश द्विवेदी

Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:25, 24 दिसम्बर 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो दिल में रख लेते इजहार नहीं करते.
हम ऐसे लोगों से व्यवहार नहीं करते.

चाहे जितना अच्छा किरदार निभा लें वो,
मनमर्जी से कुछ भी किरदार नहीं करते.

अपने से बड़ों की हम इज्जत तो करते हैं,
दरबारी बनकर पर दरबार नहीं करते.

गलती तो किसी से भी हो सकती है लेकिन,
जो लोग गलत होते स्वीकार नहीं करते.

नुकसान-नफा सोचें क्यों प्यार की दुनिया में,
हम प्यार के दीवाने व्यापार नहीं करते.

उनके कुछ कहने का कुछ मतलब होता है,
वो काम कभी कोई बेकार नहीं करते.

हमको जो कमी दिखती इक बार बता देते,
हर बार किसी को हम होशियार नहीं करते.

हम अपने कलम को ही हथियार बना लेते,
नाजुक है जुबाँ इसको हथियार नहीं करते.