भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमेशा रहता है / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:44, 25 दिसम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मुस्कानों के साथ हमेशा रहता है.
दीवानों के साथ हमेशा रहता है.
जिसके दिल में सिर्फ मुहब्बत रहती है,
अफसानों के साथ हमेशा रहता है.
जो भी शमा सा लहराता-बलखाता है,
परवानों के साथ हमेशा रहता है.
जिसको मस्ती रास हमेशा आती है,
मस्तानों के साथ हमेशा रहता है.
दिलवालों सँग कुछ दिन रहकर देख ज़रा,
धनवानों के साथ हमेशा रहता है.