Last modified on 2 जनवरी 2016, at 16:45

मेघराज – एक / प्रदीप मिश्र

Pradeepmishra (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:45, 2 जनवरी 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेघराज – एक


गृहणियों ने घर के सामानों को
धूप दिखाकर जतना दिया है
छतों की मरम्मत पूरी हो चुकी है
नाले-नालियों की सफाई का
टेंडर पास हो गया है
अधिकारी-नेता-कलर्क सबने
अपना हिस्सा तय कर लिया है
और तुम हो कि
आने का नाम ही नहीं ले रहे हो

चक्कर क्या है मेघराज
कहीं सटोरियों का जादू
तुम पर भी तो नहीं चल गया
क्रिकेट से कम लोकप्रिय तुम भी नहीं हो

आओ मेघराज
तुम्हारे इंतज़ार में बुढ़ा रही है धरती
खेतों में फ़सलों की मौत का मातम है
किसान कर्ज़ और भूख़ की भय से
आत्महत्या कर रहें हैं
आओ मेघराज इससे पहले कि
अकाल के गिद्घ बैठने लगें मुँडेर पर ।