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कलासूरमा सदायश: प्रार्थी / संजय चतुर्वेद

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कातिक के कूकुर थोरे थोरे गुर्रात

थोरे थोरे घिघियात फँसे आदिम बिधान में ।

थोरे हुसियार थोरे थोरे लाचार

थोरे थोरे चिड़िमार सैन मारत जहान में ।

कोऊ भए बागी कोऊ कोऊ अनुरागी

कोऊ घायल बैरागी करामाती खैंचतान में

जैसी महान टुच्ची बासना के मैया बाप

सोई गुन आत भए अगली सन्तान में ।