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रिश्ते की खोज / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

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मैंने तुम्हारे दुख से अपने को जोड़ा

और -

और अकेला हो गया ।

मैंने तुम्हारे सुख से

अपने को जोड़ा

और -

और छोटा हो गया ।

मैंने सुख-दुख से परे

अपने को तुम से जोड़ा

और -

और अर्थहीन हो गया ।