भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहला स्वर / प्रेमरंजन अनिमेष
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:11, 6 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमरंजन अनिमेष |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अन्तिम समय
माँ
आवाज़ दे रही
उस पहले स्वर को
जिसने बनाया
उसे माँ...!