ढूँढ़ो नए जंगल, बिछाकर रखे गए फन्दे को पार करो
बीमार हवा के झंझावात
पार करो उनकी गहरी साँसों को
टीले के उस पार, दूर, बहुत दूर है जंगल की रेखा
उसके भी आगे झुरमुट, यादें -- उनमें ख़राब कुछ लिखा हुआ
कोयला, नदी-तीर, बुझता धुआँ, जलता है सांध्यतारा
बाघिन का पागलपन
दौड़ लगाता है माँसाहारी अंचल की ओर
मूल बँगला से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी