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मैं हूँ अनास्था पर लिखा / केदारनाथ अग्रवाल

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मैं हूँ अनास्था पर लिखा

आस्था का शिलालेख

नितान्त मौन,

किन्तु सार्थक और सजीव

कर्म के कृतित्व की सूर्याभिमुखी अभिव्यक्ति;

मृत्यु पर जीवन के जय की घोषणा ।