भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बोलोॅ आबेॅ सहबै कबतक / महादेव ठाकुर

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:39, 14 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महादेव ठाकुर |अनुवादक= |संग्रह=सच...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बोलोॅ आबेॅ सहबै कबतक
दाँत खिसोडी रहबै कबतक

हलवा-पूरी नेता खैतै
सुखलोॅ हम्मेॅ खैबै कबतक

गीरवी छै इमान जहाँ
हाथोॅ जोड़ी कहबै कबतक

गिरलोॅ राजनीत के साथें
आरो बोलोॅ गिरबै कबतक

'महादेव' के बात विचारोॅ
खाली सपना गहबै कबतक