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बटेशपुर घाट / सकलदेव शर्मा
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नै देवै, हो नै देवै
तोंय के हमरा
समझावै वाला ?
डीह-डाबर
टका-पैसा
खेत-खलिहान
सबटा आपन हिस्सा
लिख देलकै बाप हमर
छोटका भाय गोविन्दा के नाम !
श्री राम, जय राम, जय-जय राम !!
मैर गेलै, तेॅ मैर गेलै
मरल बाप के मुँह में
हरगिज नै देवै हम आग
चाहे अय लेल जे भाय जाय !
दाह-संस्कार हुवेॅ कि नै हुवेॅ
हमरा नै छै, हो कोनो काम
आब गोविन्दा जानेॅ !
बाप के हिस्सा लेनें छै तेॅ
बाप केॅ लाय केॅ
जौॅक बटेशपुर घाट ।