एक अतिरिक्त अ-2 / रश्मि भारद्वाज
हर तरफ़ बिक रहे जीत के नुस्ख़ों के बीच भी
पृथ्वी पर बढ़ रहा आतंक पराजय का
शब्दकोष के चमकते शब्दों की लत में पड़ी दुनिया
नहीं सम्भाल पाती है एक अतिरिक्त अ का कहर
सायबर कैफ़े में किसी चमत्कारी स्मिथ को मेल करता वह बेचैन बेरोज़गार
टूटी-फूटी अँग्रेज़ी में गिड़गिड़ाता
जानना चाहता है जीवन में सफल रहने की तरक़ीबें
वहीँ सड़क के दूसरे किनारे लगे लाल तम्बू में
रंगीन शीशियों में भरे गए हैं विजय-द्रव्य
स्खलित होते आत्मविश्वास के फैलने और टिकने की गारण्टी के साथ
दुनिया की तमाम पवित्र जगहों पर कतारबद्ध प्रार्थनाएँ
अक्षमताओं की त्रासद-कथाएँ हैं
बेबस पुकारों से प्रतिध्वनित है ब्रह्माण्ड
जबकि वरदान सरीखे जीवन को सहेजने की हिदायतों से
अँटे पड़े हैं दुनिया के महान ग्रन्थ
सृष्टि हारती जा रही
एक उपसर्ग मात्र से