भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मायावती / नागार्जुन

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:03, 2 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नागार्जुन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मायावती मायावती
दलितेन्द्र की छायावती छायावती

जय जय हे दलितेन्द्र
प्रभु, आपकी चाल-ढाल से
दहशत में है केन्द्र

जय जय हे दलितेन्द्र
आपसे दहशत खाए केन्द्र
अगल बगल हैं पण्डित सुखराम
जिनके मुख में राम

सोने की ईंटों पर बैठे हैं
नरसिंह राव
राजा होंगे आगे चल कर
जिनके पुत्र प्रभाकर राव

मायावती मायावती
दलितेन्द्र की शिष्‍या
छायावती छायावती

दलितेंद्र कांशीराम
भाषण देते धुरझाड़
सब रहते हैं दंग
बज रहे दलितों के मृदंग
जय जय हे दलितेन्द्र
आपसे दहशत खाए केन्द्र

मायावती आपकी शिष्‍या
करे चढ़ाई
बाबा विश्‍वनाथ पर
प्रभो, आपसे शंकित है केन्द्र
जय जय हे दलितेन्द्र

मायावती मायावती
गुरु गुन मायावती
मायावती मायावती
गुरु गुन मायावती
मायावती मायावती