एक कट्टर हिन्दू फ़रमान / पवन करण
हमारे पास बचाने को कुछ नहीं था
न हौसले, न हक, न हथियार
हम किस के लिये मुगलों से लड़ते
हम शूद्र थे और हिंदू होने के बावजूद
इस विपरीत समय में भी
एक कट्टर हिंदू फरमान के शिकार थे
एक ऐसा फरमान जिसके चलते
हमारे गांवों से गुजरतीं मुगल फौजों के
हमारे गांवों के कुओं से पानी पीते ही
हम मुसलमान हो जाते
पता नहीं तब हमारे गांवों से गुजरतीं
मुगल फौजें, हमें मुसलमान बनाना,
चाहती भी थीं या नहीं
मगर इतना तय था
कि फरमान जारी करने वाले जरूर
छुटकारा पाना चाहते थे हमसे
यदि फरमानी ऐसा नहीं चाहते होते
तो वे कभी जारी नहीं करते ऐसा फरमान
और मुगलों के हमारे गांवों के कुओं से
पानी पीकर गुजर जाने के बाद अपने बीच
हमारे वापस लौटने के रास्ते रखते खुले
अब आप ही बतायें
तब सैकड़ों गांवों में बसे हमें
मुसलमान बनाने वाला कौन था
कोई कट्टर मुसलमान
या कट्टर हिंदू फरमान