मेरे देश में / शहनाज़ इमरानी
समय के साथ खेत मैदान बन जाते हैं
और फिर सड़कें दौड़ने लगती हैं
जब भी मौक़ा मिला साँस लेने का
तो पाया इस में शामिल होती है चतुराई
जो राजनीति के बारे में नहीं जानता
वो ही तो नेता बन जाता है
चुनाव जीतना भी
दहशतगर्दी का लाइसेंस मिल जाने जैसा है
देशवासियों को खाना नसीब नहीं
और वो पार्टी के बाद का खाना ट्रकों में भर कर फेंकते है
रोज़ाना कई लोग
खाली पेट सरकारी अस्पतालों के फर्श पर
बिना दवा इलाज के दम तोड़ते हैं
पहले से ज़्यादा होते है
ख़ून, बलात्कार, हिंसा, अन्याय, अत्याचार
देश में आज भी राष्ट्र से पहले धर्म आता है
अणु-परमाणु से चलकर न्यूट्रोन-प्रोटोन तक
विज्ञान और तकनीक विकास के युग में
मेंरे देश में प्रजा तो पीछे रह गई और
तन्त्र बुलेट प्रूफ़ कारों में आगे निकल गया।