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जय गनेश देबा / अमरेन्द्र

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जय गनेश, जय गनेश, जय गनेश देबा
लडुवन के भोग लागै, सत करै सेवा

आपने खा, आपने हेनोॅॅ केॅ खिलाबोॅ
लक्ष्मी तेॅ साथें छौंµपूँजी बढ़ाबोॅ
संतै केॅ देभौ, की हमरोॅ भी देबा
जय गनेश, जय गनेश, जय गनेश देबा

भूखलोॅ छी कै दिन सें तोहरा की कहियौं
आबेॅ नै मोॅन करै तोहरा तक अइयौं
रुसबे नी करभेॅ, तेॅ हमरोॅ की लेबा
जय गनेश, जय गनेश, जय गनेश देबा

छोड़ोॅ ई ठाट-बाट आबेॅ नै चलथौं
बैठला सें लड्डू की, रोटियो नै मिलथौं
हमरौ भी देखभेॅ, कि तोंदे बढ़ैभा
जय गनेश, जय गनेश, जय गनेश देबा

हमरे चढ़ैलोॅ तोहें मूसा केॅ देभौ
हमरा परसादी लेॅ कब तक तरसैभौ
है रं जों करभा तेेॅॅ जाने नी लेभा
जय गनेश, जय गनेश, जय गनेश देबा