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वो अभी-अभी लौटा है / अनातोली परपरा

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वो अभी-अभी लौटा है

अपने फ़रिश्तों के साथ


अपनी व्यस्तताओं से अभी-अभी

आया है बाहर और

देख रहा है यह दुनिया अब


देख रहा है वह

बेटे की शरारत पहले-पहल


वह मुस्किया रहा है

हौले- हौले


(रचनाकाल :1991)