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कैक्टस / प्रतिभा चौहान

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शायद कैक्टस के रहस्य
थार के रेगिस्तान में मिल जाएँ......

तब तुम अपने व्यक्तित्व की ऊपरी परत को छूना......

उभर आएगी आँखों में
एक ही तरह के कई प्रतिबिम्ब

फिर छूना भीतरी तह.......

धो देना तब बरसों से
गले में अटकी फाँस को ।