भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कृतज्ञता / सुलोचना मानन्धर

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:06, 26 जुलाई 2016 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुलोचना मानन्धर |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


हृदयले रोपेको बिरुवाले
मायाले फुलाएको फूलले
आफूलाई हुर्काउने मालीलाई
साँच्चै नै चिन्न सक्छ र ?
कहिल्यै आफैँ अघि सरेर
आफ्नो मालीलाई सम्झेर
‘धन्यवाद’ भन्न सक्छ र ?