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पंक्ति के आखिरलका आदमी / विनोद चौधरी

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ऊ जे पंक्ति के
सबसें आगू खड़ा छै
जे वन्दे मातरम केॅ भी
अंग्रेजी धुन में गावी रहलोॅ छै
सरफरोशी तमन्ना तक केॅ
ऊ देश पर मरै-मिटै वाला नै छेकै
ऊ तेॅ विपत्ति ऐला पर
सौदा करै वाला छेकै
हथियार के
राष्ट्रभक्ति के
गर्दन के
ओकरा की मतलब देश सें
देशभक्ति सें
ओकरोॅ वास्तें तेॅ
सब पाॅप सौंग छेकै

हों
हौ जे पंक्ति के सब सें आखिर में
खड़ा छै
जेकरोॅ फाटलोॅ छै गोड़
दिखावै छै छाती सें लै केॅ
पेट तांय हड्डिये-हड्डी
आरो इखनी जेकरोॅ
बोल भी नै फूटेॅ पारी रहलोॅ छै
जे वन्दे मातरम केॅ
जन गण अधिनायक केॅ
सरफरोशी तमन्ना केॅ
वहेॅ रं गावै छै
जेना गैलेॅ छेलै
आजादी के दीवाना सिनी नें
है बात सही छेकै
कि पंक्ति के आखरी सिरा पर इखनी
ऊ भले खड़ा छै
लेकिन
देश वास्तें सिर कटावै वक्ती
वही सबसें आगू होयै
हाथ में झंडा लेलेॅ
आरो रायफल तानलें
मुँहोॅ पर ई शब्द लेनें-
भारत माता जय ।