भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमें भूल मत जइयो राजा जी! / बाबर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:11, 28 मार्च 2008 का अवतरण (New page: हमें भूल मत जइयो, राजा जी! ओ राजा जी! सौतन के लम्बे-लम्बे केस उलझ मत जइयो, ...)
हमें भूल मत जइयो, राजा जी!
ओ राजा जी! सौतन के लम्बे-लम्बे केस
उलझ मत जइयो, ओ राजा जी! हमें भूल मत जइयो...
ओ रानी जी! जाना पड़ेगा बिदेस
सन्देसा देती रहियो, ओ रानी जी! हमें भूल मत जइयो...
पूरब मत जइयो, ओ मोरे राजा! मालन के तीखे-तीखे नैन
घायल न हो जइयो, ओ राजा जी! हमें भूल मत जइयो...
दिल तो रहेगा पास तुम्हारे, नादां है कुछ मत कहियो,
सन्देसा देती रहियो, ओ रानी जी! हमें भूल मत जइयो...
पस्चिम मत जइयो, ओ मोरे राजा! पनिहारी की मतवाली चाल,
मचल मत जइयो, ओ राजा जी! हमें भूल मत जइयो...
प्यासा रहूँ पर पनघट न जाऊँ, तुम ही प्यास बुझइयो,
सन्देसा देती रहियो, ओ रानी जी! हमें भूल मत जइयो...