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मुझे नहीं पूछनी तुमसे बीती बातें / इंदीवर

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पनघट पै मुरलिया बाजे, अ हा हा हा पन घट पै मुरलिया बाजे।

मोहन के मुख बाँस की पोरी साँच कहूँ बहु साजे।। पनघट पै...


एक ओर जमुना लहराए, दूजे मोर बन शोर मचाए।

बीच में श्याम विराजे । पनघट पै...


टेर सुनी बिजली मुस्काई, घन में घोर घटा है छाई।

घाट पार कोई खड़ी पुकारे, मन के बादल गाजे।। पनघट पै...