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जल्दी में हैं मेढक बाबू / प्रदीपशुक्ल
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जल्दी में हैं मेढक बाबू
जाना है ससुराल
छूट न जाए प्लेन कहीं
वो रक्खें पैर उछाल
टिकट कटाई इन्टरनेट से
बोर्डिंग पास निकाला
सोकर उठे देर से घर में
झटपट बैग सँभाला
घर पर ही मोबाइल से
टैक्सी तुरत मंगाई
पैसे नहीं कार्ड रखते हैं
अपने मेढक भाई
पैसे को लेकर ड्राईवर से
झिकझिक हुई तमाम
जैसे-तैसे पहुँचे अड्डे
रस्ते में था जाम
लेकिन घुस ना पाए अन्दर
आई कार्ड न लाए
मेढक भाई लौट चले हैं
वापस मुँह लटकाए