भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बेटी / लक्ष्मीशंकर वाजपेयी

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:07, 1 अक्टूबर 2016 का अवतरण (कविता जोड़ी)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरी सबसे बड़ी चिंता
अपनी बेटी के भविष्य को
लेकर है
मेरा बेटा तो हमेशा खेलता है
पिस्तौल, स्टेनगन, मशीनगन से
रचाता है युद्ध, करता है बमवर्षा
लेकिन अपनी बेटी का
क्या करूँ
वो हमेशा गुड़ियों से खेलती है।