भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

थामना / एरिष फ़्रीड / प्रतिभा उपाध्याय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:51, 13 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एरिष फ़्रीड |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

थामना
इसका आशय है
नहीं दूर – नहीं पास
नहीं एक क़दम
अथवा आशय है
धीरे-धीरे करना
एक वादा
अपने शब्दों से
अथवा पुनरावलोकन

थामना
तुझे
मुझे फिर से
साँस को
मुझमें
तुझमें
कसकर तुझे
लेकिन नहीं जकड़ना
तुझे किसी बन्धन में

थामना
तुझे
बाँहों में
ख़्वाबों में
ख़यालों में
जागृति में
बचाना तुझे
शाम के अन्धेरे से
समय के, डर के विपरीत

पकड़ना
तेरे बालों को
दो अँगुलियों से
तेरे कन्धे
तेरे घुटने, तेरे पैर
अथवा कुछ भी नहीं पकड़ना
कोई शेखी नहीं
कोई भाषण नहीं
कोई छड़ी और दण्ड भी नहीं
और मुँह में सिक्के भी नहीं

मूल जर्मन से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय