भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्यार और हम / एरिष फ़्रीड / प्रतिभा उपाध्याय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:01, 13 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एरिष फ़्रीड |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क्या होना चाहिए प्यार हमारे लिए?
कौन सी मदद की है
प्यार ने हमारी?
बेरोज़गारी के ख़िलाफ़
हिटलर के ख़िलाफ़
आख़िरी युद्ध के ख़िलाफ़
अथवा कल और आज
नए डर के ख़िलाफ़
और बमों के ख़िलाफ़??

कौन सी मदद
उस सबके ख़िलाफ़
जिसने हमें बर्बाद किया है?

कोई भी मदद नहीं :
प्यार ने हमें धोखा ही दिया है
क्या होना चाहिए प्यार हमारे लिए?
हमें प्यार का क्या करना चाहिए?

हमने प्यार की क्या मदद की है?
बेरोज़गारी के ख़िलाफ़
हिटलर के ख़िलाफ़
पिछले युद्ध के ख़िलाफ़
या कल और आज

नए भय के ख़िलाफ़
और बम के ख़िलाफ़?

कौन सी मदद
उस सबके लिए
जो इसने बर्बाद कर दिया?
कोई भी मदद नहीं :
हमने प्यार को धोखा दिया हैI

मूल जर्मन से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय