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म्हारै जीव री जड़ी / आशा पांडे ओझा
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पुळक-पुळक
पाळणै झुलराई
झुलरातां-झुलरातां
पाळणै
जाणै कद हालण लागगी
गुडाळियां
हालतां-हालतां गुडाळियां
जाणै कद पकड़-पकड़ पल्लौ
म्हारै ओढणां रौ
ले लिया पगलिया
लैतां-लैतां पगलिया जाणै कद
रमण लागगी डूला-डूली
रमती-रमती डूला-डूली
जाणै कद बणीजण जाणै कद
बणीजती बणीजती जाणै कद
बंटावण लागगी म्हारो हाथ
बंटाती-बंटाती म्हारो हाथ
जाणै कद सीखगी
सगळा रीत-रीवाज
बरत-बार, तीज तिंवार
सीखतां-सीखतां
बरत-बार, तीज तिंवार
जाणै कद हुगी
इतरी स्याणी
सोचूं हूं बैठी
इण रै फेरां में
आ म्हारी धीेंवड़ी
म्हारै जीव री जड़ी।