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दर्ज़िन / मोनिका कुमार / ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

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सुबह से बारिश हो रही है।
गली के उस पार रहने वाली
एक औरत को दफ़नाया जाना है।
दर्ज़िन को।
वह उँगली में शादी की अँगूठी पहनने का सपना देखती थी
लेकिन मरते वक़्त उसकी उँगली में सुई की धार से बचाने वाला अंगुश्ताना था।
सभी को लगता है यह मखौल वाली बात है।
बारिश किसी आदरणीया की तरह आसमान को धरती से रफ़ू कर रही है।
लेकिन अब उससे भी कुछ नहीं होगा।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार