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गति / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़

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यदि तुम अम्बर घोड़ी हो
      तो मैं रक्त की सड़क हूँ
यदि तुम प्रथम हिमपात हो
      तो मैं सुबह की सिगड़ी सुलगाने वाला व्यक्ति हूँ
यदि तुम रात के टावर हो
      तो मैं तुम्हारे मस्तिष्क में जलता शूल हूँ
यदि तुम सुबह का ज्वार हो
      तो मैं प्रथम पक्षी की पुकार हूँ
यदि तुम सन्तरों की टोकरी हो
      तो मैं सूरज का चाकू हूँ
यदि तुम पत्थर की वेदी हो
      तो मैं दूषक हाथ हूँ
यदि तुम निद्रालीन धरती हो
      तो मैं हरी बेंत हूँ
यदि तुम हवा की छलाँग हो
      तो मैं दबी आग हूँ
यदि तुम जल का मुख हो
      तो मैं काई का मुख हूँ
यदि तुम बादलों का वन हो
      तो मैं उसे काटने वाली कुल्हाड़ी हूँ
यदि तुम अपवित्र नगर हो
      तो मैं पावनता की बरसात हूँ
यदि तुम पीले पर्वत हो
      तो मैं शैवाल की लाल भुजाएँ हूँ
यदि तुम उगते हुए सूरज हो
      तो मैं रक्त की सड़क हूँ

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’