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पथिक / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़
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सिबेस्टो वृक्षवीथी पर वह चला
भीड़ में
सोचते हुए कई बातें।
तभी लाल बत्ती ने उसे रोका।
उसने देखा
धूसर छतों
के ऊपर
भूरे पक्षियों के बीच रजतरंगी
मछली को उड़ते।
ट्रैफ़िक लाइट हरी हुई।
सड़क पार करते हुए
वह विस्मित था
कि वह क्या सोच रहा था।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’