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शान्त समुद्र / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़

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कितना शान्त,
अद्‌भुत रू‏प से शान्त
है जल आज,

अच्छा नहीं
यह जल के लिए

इस तरह से
इतना शान्त होना।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’