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यह आकार है -1 / मंगेश नारायणराव काले

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यह सन्नाटा है अब साथ
और हमने तो कुछ भी नहीं लिया था
सच कहें तो लेने के लिए थी ही नहीं जेब
दर्ज़ी ने सिली

सिर्फ़ आकार था पतलून में जेब का
और जेब के आकार में सिला
एक नोट का आकार
हमारे साथ आया हुआ
जो ख़र्च नहीं किया जाने वाला था कभी
ऐसा शाश्वत नोट है हमारे पास
जेब के आकार में सिला हुआ
सच कहें तो थी ही नहीं जेब पतलून में

सिर्फ़ आकार ही तो सिला है
दर्ज़ी ने पतलून में
और बस जेब के आकार में
एक नोट का आकार है जड़ा

नोट के आकार में एक क़ीमत
न ली जा सकने वाली चीज़ों की
सिर्फ़ एक आकार है क़ीमत का
नोट के आकार में छिपा

उदाहरण के लिए : एक नई कोरी साइकिल
होती है नोट के आकार में खड़ी
जो हमने कभी नहीं ली होती है
और चलाई भी नहीं होती है कभी

सिर्फ़ साइकिल चलाने का आकार
हू-ब-हू छिपा होता है नोट में
और उस आकार में खड़ी होती है मुट्ठी भर ख़ुशी
जो कभी नहीं मिली होती है हमें

मुट्ठी भर ख़ुशी के आकार में
डूबे होते हैं हमारे पच्चीस-छब्बीस साल
जो सच कहें तो फिसल चुके होते हैं
हमारे हाथों से अनजाने ही

पच्चीस-छब्बीस साल का यह सिर्फ़ आकार है
और हम अभी हैं वहीं खड़े
उम्र के अर्धव्यास पर
जहां हम कभी पहुँचे ही नहीं होते हैं

सच कहें तो सिर्फ़ आकार है यह हमारा
जो जा रहा है हमारे सामने ढुलकता...

मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा