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दन्तकथा वाले रास्ते / सरबजीत गर्चा / सलील वाघ
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दन्तकथा वाले रास्ते हैं तुम्हारे
आँखें परिकथाओं वाली
लोककथा वाला अस्तित्व है तुम्हारा
मेरे आर
मेरे पार
लिपि है तुम्हारी अंग-अंग कविता तुम्हारी मातृभूमि
निरामय मितभाषी सहवास
आत्मसंकल्पना की छावनी
मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा