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दो दुश्मन / तो हू

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जरूरी हैं प्रेम और दुलार

इनके बिना हम रह नहीं सकते

अत्याचार और उपेक्षा से

नफ़रत करते हैं हम

लेकिन हमारे दो दुश्मन भी हैं

ये दुश्मन हैं

अहंकार

और दूसरे पर हुक्म चलाने की आदत ।