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सुतो झन / नूतन प्रसाद शर्मा

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रहे जवानी के ताकत हा सूतो झन जी काम करो।
अड़बड़ सुघ्घर समय मिले हे थोरको झन आराम करो

बचपन दाई के कोरा मं
गिल्‍ली बांटी अउ भौंरा मं
संगी मितवा के चौंरा मं
बेरा अपन चुका डारे हव,अब करतब बर पांव धरो।

बुढ़वा डोकरा जब हो जाहू
लउठी बिना च ल न नई पाहू
काम करे बर मुंहू लुकाहू
खांस खांस के मरे के पहिली काम करके नाम करो।

मिले हवय जब उमर जवानी
करलो करतब करके बानी
भूल करव झन अनाकानी
तुम्हरे मुंह ल देखत हे उकर फिकर अभी हरो।

खून तात हे रंग लाली
वतर्मान मं जीत ले पाली
तोर हाथ अड़बड़ बल शाली
भूत भविष्य छोड़के संगी,वतर्मान मं जूझ मरो।