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मनखे / अरुण कुमार निगम

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छल-बल न छलावा, छोड़ दिखावा, ताम-झाम ले दूर रहै,
मनखे - ला जाने, मनखे माने, दया - मया मा चूर रहै।
सुध-बुध बिसरा के, मूड़ नवा के, जनहित बर जे, काम करै,
सहि पीर पराई, करै भलाई, अमर अपन वो, नाम करै।
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