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क़ैदी के पत्र - 7 / नाज़िम हिक़मत
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हमारा बेटा बीमार है
उसका पिता क़ैदी है
तुम अपना भारी सिर थके हाथों में रखे पड़ी हो
हम और अपनी यह दुनिया एक ही केन्द्र पर आ पहुँचे हैं।
मनुज ही मनुज के लिए,
बुरे और अच्छे दिन लाएँगे।
हमारा बेटा चंगा हो जाएगा
उसका पिता जेल से बाहर निकल आएगा।
और तुम्हारी सुनहली आँखों में मुस्कुराहट भर जाएगी,
हम और अपनी यह दुनिया एक ही केन्द्र पर आ पहुँचे हैं।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : चन्द्रबली सिंह