बिजूका / अमरेन्द्र
खूब कड़े कानून हुए, पर रुका न पापी खेल
काला धन सुरसा का बेटा, टुन्नी का है नाँती
भ्रष्टाचार, विधायक-मंत्राी की गर्दन की गाँती
सम्पत्ति का ब्यौरा भैया उलटबाँसी का मेल।
कोई भी हो, सभी करोड़ी, कोई नहीं हजारी
योगी की गुदड़ी में गौहर, घर कुबेर का लकदक
क्या कानून ? तमस में जैसे, भक्योगिनी का भकभक
जो विपक्ष है, वही पक्ष का खुल कर मिला पुजारी ।
लोकतंत्रा में लोकपाल की विधि का खेल तमाशा
कौन जमूरावाला है, और सोचो कौन जमूरा
राजनीति का पेट फाड़कर निकला विकट तम्बूरा
भूखी प्रजा अभी बस चाटे प्रभु का मिला बतासा।
साँप-सीढ़ी के लोकतंत्रा में घिसट रही है गोटी
सिंहासन के पीछे व्यंजन, सिंहासन पर रोटी ।