Last modified on 4 मार्च 2017, at 15:00

गळगचिया (2) / कन्हैया लाल सेठिया

आशीष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:00, 4 मार्च 2017 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बायरो कयो - पींपळ रा पानड़ाँ, मैं आऊँ जणाँ ही थाँकै हताई हुवै कै?
पानड़ा बोल्या - पूठ पाछै बात करण री म्हारी आदत कोनी!