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केन्होॅ भुतहा गाँव लगै / आभा पूर्वे
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केन्होॅ भुतहा गाँव   लगै
शील होय गेलोॅ पाँव लगै
हर पाशा पर पांडव केरोॅ
खाली गेलोॅ  दाँव लगै
पत्थर फेकलोॅ करोॅ  नै कभियो
केकरो ठाँव-कुठाँव लगै
की होलै कि कोयलो बोली
काँव-काँव बस काँव लगै
समय देखी नै लागौं केकरो
‘आभा’ केॅ तेॅ झाँव लगै ।
	
	