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समर्पण ! / विक्रम सुब्बा

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कसले भन्छ
कविताले त्यो गर्दैन?
गर्छ…
ह्वाइटहाउसदेखि तियानमेन स्क्वायरसम्म
क्रेमलिनदेखि कान्दहारसम्म
दिल्लीदेखि सिंहदरवारसम्म
पश्चिमबंगालदेखि बल्खुसम्म
हरेक दरबारका
बदमास विरुद्ध
कविताले राजनीति गर्छ…