भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फुल / विक्रम सुब्बा

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:47, 28 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विक्रम सुब्बा |अनुवादक= |संग्रह= न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


दुइचार माना माटो
एकदुइ मुठी मल
र मायाको घाम-पानी दिए
तिमीलाई फुलले
गमला साइजको स्वर्ग दिन्छ ।