भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अन्तर्भाव–६ / दुर्गालाल श्रेष्ठ

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:24, 28 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= दुर्गालाल श्रेष्ठ |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रेमको उत्कर्ष
त्यही एउटा मात्र त्यस्तो ठाउँ,
 जहाँ पुग्दा
जति बिघ्न क्रूरलाई पनि
मानिस बन्ने अवसर मिल्छ
एक निमेष ।