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हिंसा / सुमन पोखरेल

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हरेक पत्रिकामा डरलाग्दो पातो देखिन्छ
छाम्दा कस्तो होला, हेर्दा तातो देखिन्छ
कति बिध्न हिंसा भएछ यस धर्तीमा
कालो अक्षरले लेख्दा पनि रातो देखिन्छ