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जिन्दगीले सधैँसधैँ खुसी पाउँदो रहेनछ / निमेष निखिल
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जिन्दगीले सधैँसधैँ खुसी पाउँदो रहेनछ
वेदनाले मुटु जल्दा धुवाँ आउँदो रहेनछ
जतिसुकै छाँटे पनि आदर्शका कुराहरु
भोको पेट देशभक्ति गीत गाउँदो रहेनछ
खुसी साट्ने धेरै देखेँ साथीभाइ इष्टहरु
विपत्तिमा आफन्तैले हात लाउँदो रहेनछ
सन्तापले मुटुभित्र डेरा हाली बसेपछि
सान्त्वनाले दुखी मनको पाली छाउँदो रहेनछ।