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मून धारयां बैठ रैयी बा / गौरीशंकर
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मून धारयां बैठी रैई बा
म्हूं निरखतो रेयौ
हूक उठी...
बा जोर सूं हांसी
म्हूं देखतो रेयौ
उणनै
अबै म्हूं मून धार लियो
बा
ताकै म्हनै
देखूं बस
थिर आंख्यां...।