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मुखौटे / तारादत्त निर्विरोध

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श्याम बनेगा शेरू अपना गीत

बनेगा बन्दर शिल्पा बिल्ली दूध

पीएगी बैठी घर के अन्दर बबलू

भौं भौं करता कु़त्ता पल पल धूम मचाएगा

मोटू अपना हाथी बनकर झूमे सूंड हिलाएगा

होगी फिर इन सबकी मस्ती गाती

होगी बस्ती खुश होगा हर एक जानवर

खुशियॉं कितनी सस्ती हा हा ही ही

मैं भी मैं भी लगा मुखौटा गाऊँ

तुम हाथी तुम शेर बने तो मैं भालू बन

जाऊं आहा कितने हम जंगल के प्यारे प्यारे वासी

देख हमारे खेल नियारे जाती रहे उदासी